अन्ना जानवरों से किसान हुआ हलाकान
रामनगर,चित्रकूट:(स्वतंत्र प्रयाग) जहां एक और राज्य सरकार एवं योगी सरकार अन्ना गो पशुओं को रखरखाव हेतु गोपालन हेतु करोड़ों रुपया पानी की तरह खर्च कर रही है। वहीं पर बुंदेलखंड के जनपद चित्रकूट में ग्राम पंचायतों द्वारा गोपालन के नाम पर प्रतिमाह करोड़ों रुपया रखरखाव एवं चारा भूसा के नाम पर निष्कासित कर लिया जा रहा है, लेकिन ग्राम पंचायतों में ग्राम प्रधानों एवं पंचायत सचिवों की खाऊ- कमाऊ नीति के चलते गोवंश को अन्ना छोड़ दिया जा रहा है।
जिससे किसान रवि की फसल की बुवाई नहीं कर पा रहे हैं। प्रत्येक गांव में अन्ना पशुओं की संख्या 50 से लेकर 200 तक हो चुकी है। लेकिन उनके रखरखाव हेतु गौशाला तक तक नहीं बनाया गया है। परिणाम स्वरूप चित्रकूट जनपद के गांवों में अन्ना पशुओं की संख्या दिनों दिन बढ़ती जा रही है।
बांदा- इलाहाबाद राष्ट्रीय राजमार्ग मे अन्ना पशुओं की बाजार देखी जा सकती है। जिला प्रशासन है कि आंख मूंद मौन धारण किए हुए है। मोदी सरकार द्वारा झूठा प्रचार प्रसार कर के ग्राम वासियों को इस तरह ठगा जा रहा है कि अन्ना पशुओं को ग्राम पंचायतों में अस्थाई गौशाला बनाकर उनके रखरखाव एवं भूसा चारा के लिए शासन द्वारा पैसा बराबर दिया जा रहा है।
लेकिन जब ग्राम पंचायतों में सचिव एवं प्रधान से जानकारी की जाती है तो यही बताया जाता है की गौशालाओं के लिए शासन से पैसा मिल ही नहीं पा रहा है। जिस कारण से अन्ना पशुओं को गौशाला में नहीं रखा जा सकता। क्षेत्रवासियों ने जिलाधिकारी चित्रकूट से मांग की है कि समय रहते ग्राम पंचायतों में अस्थाई गौशाला बनाकर अन्ना पशुओं को रखा जाए। जिससे किसान रवि की फसल की बुवाई कर सके।
हरे कृष्ण बड़गैया
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