जून माह में भी लॉकडाउन जारी रहने के आसार, योजना का खाका तैयार
नई दिल्ली (स्वतंत्र प्रयाग न्यूज)- लॉकडाउन 4.0 को इसके मौजूदा स्वरूप में 15 दिनों के लिए और बढ़ाया जा सकता है। मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से टेलीफोन पर बातचीत के एक दिन बाद यह बात कही।
पणजी में शुक्रवार को पर्यटन मंत्रालय के एक आयोजन के मौके पर सावंत ने संवाददाताओं से यह भी कहा कि गोवा सोशल डिस्टेंसिंग के मानदंडों को लागू करने के साथ रेस्तरां, होटल, मॉल और जिम को फिर से शुरू करने के लिए तैयारी करेगा। सावंत ने कहा, "अमित शाह जी के साथ कल मेरी टेलीफोन पर बातचीत हुई थी। ऐसा प्रतीत होता है कि वर्तमान स्थिति में लॉकडाउन 15 दिनों तक और जारी रह सकता है।"15 जून तक स्कूल खुलना मुश्किल
वहीं देश में कोरोनावायरस का ग्राफ बढ़ रहा था और इसे नियंत्रित करने के लिए लॉकडाउन आगे बढ़ाए जाने की जरूरत है। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि गोवा में रेस्तरां, मॉल, जिम और होटल को फिर से शुरू करने की मांग उठ रही है। राज्य सरकार, केंद्रीय गृह मंत्रालय से अनुरोध करेगी कि वह इन जगहों में सोशल डिस्टेंसिंग के उचित मानदंडों के साथ गतिविधियों को फिर से शुरू करे।
सावंत ने कहा, "रेस्तरां, होटल, मॉल, जिम को छोड़कर ज्यादातर गतिविधियां गोवा में शुरू हो गई हैं। हमारा मानना है कि कम से कम रेस्तरां, मॉल और जिम को सोशल डिस्टेंसिंग के मानदंडों के साथ शुरू किया जाना चाहिए। हम औपचारिक रूप से गृह मंत्रालय को सूचित करेंगे। कल तक (गृह मंत्रालय से) दिशानिर्देश आ सकते हैं।
" गोवा में वर्तमान में कोविड-19 के 31 सक्रिय मामले हैं।मेट्रो हो सकती है शुरू, इंटरनैशनल फ्लाइट्स पर पाबंदी31 मई को लॉकडाउन का चौथा चरण समाप्त हो रहा है। शाह ने शुक्रवार सुबह राज्यों के मुख्यमंत्रियों संग बातचीत की थी। उनसे मिले फीडबैक को उन्होंने प्रधानमंत्री से साझा किया और फिर आगे की रणनीति पर बात हुई।
कई राज्यों ने लॉकडाउन जारी रखने को कहा है मगर वह धीमे-धीमे हालात भी सामान्य करना चाहते हैं। आज की बैठक में 31 मई के बाद की योजना का खाका खिंच चुका है।लॉकडाउन के बावजूद, देश में कोरोना वायरस मामलों की संख्या लगातार बढ़ रही है।
शुक्रवार सुबह तक के आंकड़ों के अनुसार, देश में 1.65 लाख से ज्यादा कन्फर्म केस सामने आए हैं। देश में 4,706 लोगों की मौत हो चुकी है। फिलहाल करीब 90 हजार ऐक्टिव केसेज हैं। पिछले एक हफ्ते से मामलों की संख्या में उछाल देखने को मिला है। इसके पीछे प्रवासी मजदूरों के पलायन को जिम्मेदार बताया गया।
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