जनपद में नही हो पा रहा मरीजो का इलाज , ग्रामीण क्षेत्रो के सरकारी अस्पताल ज्यादातर रहते है बन्द
अझुवा /कौशाम्बी,(स्वतंत्र प्रयाग) जिले के सरकारी अस्पतालों में मरीजों को इलाज देने का जिम्मा अब स्वास्थ्य विभाग नहीं उठा पा रहा है पूरे जिले के ग्रामीण क्षेत्रों के अधिकतर सरकारी अस्पताल बंद रहते हैं और इनके चिकित्सक मोटा वेतन लेने के बाद मौज करते हैं बार-बार शिकायत के बाद भी मुख्य चिकित्सा अधिकारी सरकारी अस्पतालों की चौपट व्यवस्था को सुधार करने में असफल साबित हो चुके हैं।
राजनैतिक पकड़ में मजबूत चिकित्सकों के डपट के बाद सीयमओ कार्यालय द्वारा बिना ड्यूटी दिए ही चिकित्सकों स्वास्थ्य कर्मियों को प्रत्येक महीना वेतन दिया जा रहा है इधर कोरोनावायरस के बाद निजी अस्पतालों को सरकार स्वास्थ्य विभाग कौशाम्बी ने तमाम नए दिशा-निर्देश समस्त स्टाफ डॉक्टर सहित पीपीई किट सहित समस्त सुरक्षा तंत्र के साथ इलाज करें जिससे निजी अस्पताल संचालक अस्पताल को छोड़कर अंडर ग्राउंड हो गए हैं।
जिससे निजी अस्पतालों में भी मरीजों को इलाज नहीं मिल रहा है स्वास्थ्य व्यवस्था चौपट होने से मरीज दर्द के मारे कराह रहे हैं ।
लेकिन मरीजों की पीड़ा को तनिक भी समझने के लिए स्वास्थ्य महकमा के जिम्मेदार तैयार नहीं है।
नवीन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र अझुवा में शुक्रवार को भी दोपहर 12.30 बजे तक ताला लग गया बताया जाता है कि एक डॉक्टर की अतिरिक्त ड्यूटी जिला कारागार मे लगी है।
फार्मासिस्ट गोवर्धन सिंह सहित सभी स्टाफ मौके पर नही मिले गोवर्धन सिंह को फोन लगाया पूरी बेल गयी लेकिन बात नही हुई अस्पताल की दुर्दशा पर कोई कुछ बताने को तैयार नही ।केवल तीन प्रसव हुए थे।
तमाम मरीज इस अस्पताल में बैठकर चिकित्सको के आने पर इलाज कराना चाहते थे लेकिन चिकित्सक जब दोपहर बाद भी सरकारी अस्पताल में नही आए तो बिना इलाज कराए दर्द से कराहते मरीज अस्पताल से वापस चले गए थे ।
कोरोना वायरस की महामारी के नए निर्देश के बाद निजी अस्पतालों ने भी अस्पताल बन्द कर दिए जिससे इलाज के लिए अस्पताल बन्द ।निर्देश होने के बाद साफ सफाई और चार चार घण्टे में सरकारी अस्पताल को सेनेटराजर किये जाने का सरकारी निर्देश की बात करना हवाहवाई ही है पूरे अस्पताल में गन्दगी पसरी है बल्कि सरकारी अस्पतालों की दुर्दशा की यह ब्यवस्थाये एक परम्परा की तरह वर्षों से कायम है जिसपर परिवर्तन होता नही दिख रहा है।
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