वैज्ञानिकों ने अब गांवो को कोरोना से बचाने के लिए कसी क़मर
नई दिल्ली,(स्वतंत्र प्रयाग)अपने अनुसंधान के जरिये समाज की मदद करने वाला वैज्ञानिक समुदाय अब कोविड-19 के प्रकोप को देखते हुए लोगों को जागरूक करने के लिए जमीन पर भी उतर रहा है इस सामाजिक जिम्मेदारी को निभाते हुए भोपाल स्थित एडवांस्ड मैटेरियल्स ऐंड प्रोसेस रिसर्च इंस्टीट्यूट (एम्प्री) भी ग्रामीण स्तर पर कोविड-19 के संक्रमण को रोकने की कोशिशों में जुट गया है।
वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) से संबद्ध एम्प्री ने कोविड-19 के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के 50 गाँवों में कोविड-19 के खिलाफ मुहिम छेड़ दी है।
संस्थान ने जागरूकता के प्रचार-प्रसार के साथ-साथ फेस मास्क जैसे निजी सुरक्षा उपकरणों और कीटाणुनाशक साबुन के वितरण बीड़ा उठाया है एम्प्री की इस पहल से कोविड-19 के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान को ग्रामीण स्तर पर तेज करने की सीएसआईआर की कोशिशों को बल मिल सकता है इन दोनों राज्यों में स्थित एम्प्री सीएसआईआर की एकमात्र प्रयोगशाला है।
मध्य प्रदेश तथा छत्तीसगढ़ में जागरूकता का प्रसार और निजी सुरक्षा उपकरणों का वितरण दो चरणों में किया जा रहा है पहले चरण में मध्यप्रदेश के भोपाल और सीहोर जिलों के गाँवों में यह अभियान शुरू किया गया है जिन स्थानों पर इस मुहिम की शुरुआत की गई है।
उनमें भोपाल का बेरसिया, शाहपुर, रताताल, करसर, बरखेड़ी हज़ाम एवं खजुरी शामिल है सीहोर ब्लॉक का भुखेड़ी, खेरी, अल्ला, निपानिया तथा मोहोडिया गाँव और आष्टा ब्लॉक के खजुरियाकसम, नीलबड, अरोलियापर, सेवदा, दरखेड़ा तिगरिया, अरनियागाज़ी और कर्मनखेड़ी भी इस मुहिम में शामिल हैं।
इस पहल के अंतर्गत संस्थान की ओर से पुलिस और स्थानीय लोगों में कोरोना के बारे में जानकारी बढ़ानेके लिए पोस्टर के साथ-साथफेस मास्क जैसी निजी सुरक्षा सामग्री वितरित की जा रही है सीएसआईआर-एम्प्री के निदेशक डॉ. अवनीश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि “इस अभियान में कोरोना वायरस के संक्रमण के बारे में ग्रामीण लोगों में जागरूकता पैदा करना, स्वच्छता, हाथ धोने, अफवाहों को फैलने से रोकने और सतर्कता बरतने के बारे में जानकारी दी जा रही है।
इसके लिए हिंदी भाषा में प्रचार सामग्री के रूप में पर्चे और पोस्टर तैयार किए गए हैं हम ग्रामीणों की मदद के लिए इस पहल का दायरा बढ़ाने के लिए भी योजना बना रहे हैं डॉ. श्रीवास्तव ने बताया कि “प्रारंभिक तौर पर लगभग 15गाँवों में यह अभियानशुरू किया गया है इस अभियान के दूसरे चरण मेंछत्तीसगढ़ के गाँवों में भी इसी तरह कार्य किया जाएगा।
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