कोरोना के साथ बेमौसम बारिश  से किसान मरने  को है मजबूर, जल्द ही सरकार को करना पड़ेगा विचार कांग्रेस


लखनऊ,(स्वतंत्र प्रयाग)कोरोना वायरस महामारी धीरे-धीरे अपना पैर पूरे देश में पसारता जा रहा है और इसकी वजह से देश आर्थिक मार झेल रहा है, वहीं किसानों पर इसके कहर के साथ साथ बेमौसम भारी बारिश की दोहरी मार भी पड़ रही है।



उत्तर-प्रदेश में पिछले कई दिनों से तेज बारिश और ओलावृष्टि से प्रदेश के किसानों की फसलें तहस-नहस हो गई हैं पूर्वांचल में बनारस, कुशीनगर आजमगढ़, चन्दौली, जौनपुर भदोही तथा पश्चिम के शामली, कैराना आदि जिले ज्यादा प्रभावित हुये है इन दिनों गेंहू की कटाई चल रही है, बेमौसम बारिश का असर गेंहू की गुणवत्ता पर भी पड़ा है।


खलिहान में रखी कटी फसल को भी काफी नुकसान पहुंचा  है  बारिश से सब्जियों को भारी नुकसान पहुंचा है टमाटर, बैगन, भिंडी तथा खीरे की फसल को ज्यादा नुकसान पहुंचा है बारिश से सब्जियों में फंगस लगने की आशंका बढ़ गई है।


उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू जी ने कहा किसान को अभी तक न तो गन्ने का भुगतान मिला है, और न ही उनकी उपज का वाजिब दाम मिल रहा है लॉकडाउन में ओला वृष्टि से फसलों का भारी नुकसान हुआ है प्रदेश सरकार नुकसान का आंकलन कराये और शीघ्र ही किसानों के लिये विशेष पैकेज की घोषणा करनी चाहिये।


19 अप्रैल की शाम 7बजे तक 974 पॉज़िटिव पाए गए, जिनमे से 14 की मौत हो चुकी है  आगरा, गाजियाबाद, नोएडा के साथ राजधानी लखनऊ भी रेज़ जोन एरिया मे आ चुका है।


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