अमीरों को जब जहाज से ले आया जा सकता है तो गरीबो को स्पेशल ट्रेनों से क्यो नही : अखिलेश यादव



लखनऊ,(स्वतंत्र प्रयाग)पूरे देश में कोरोना महामारी का खौफ है, लेकिन मासूम-भूखी जनता इसे नहीं जानती. इस वजह से मंगलवार को मुंबई के बांद्रा स्टेशन पर अप्रवासी मजदूरों की भारी भीड़ एकत्र हो गई थी  उसे नियंत्रित करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज का भी सहारा लेना पड़ा।


इस बीच उत्तर-प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि सरकार दोहरा मानदंड क्यों अपना रही है जब वह अमीरों को जहाज से विदेश से वापस ला सकती है तो अपने लोगों को ट्रेनों से उनके घर क्यों नहीं भेज सकती है। 


अखिलेश यादव ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को नसीहत दे डाली है अखिलेश यादव ने ट्विटर पर लिखा, 'मुंबई में हजारों लोगों के सड़कों पर आकर घर लौटने की मांग को देखते हुए उप्र की सरकार तुरंत नोडल अधिकारी नियुक्त करे।


व केंद्र के साथ मिलकर महाराष्ट्र व अन्य राज्यों में फँसे प्रदेश के लोगों को निकाले जब अमीरों को जहाज से विदेशों से ला सकते हैं, तो गरीबों को ट्रेनों से क्यों नहीं.' इस बीच मंगलवार को पीएम मोदी ने देशवासियों को संबोधित करते हुए कोरोनावायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए एक बार फिर से लॉकडाउन को 3 मई तक बढ़ाने का ऐलान किया था।


उसके कुछ घंटों के बाद ही मुंबई के बांद्रा स्टेशन पर अप्रवासी मजदूरों की भीड़ इकट्ठा हो गई ये भीड़ सरकार से अपने घरों के जाने के लिए ट्रेन संचालन की मांग कर रही थी हालांकि पुलिस ने इस भीड़ को काबू करने के लिए लाठी चार्ज करनी पड़ा  इसके बाद इस मुद्दे को लेकर एक बार फिर से राजनीति शुरू हो गई है।


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