अलवर में चिकित्सकों एवं नर्सिंग कर्मियों ने की दो घंटे का कार्य बहिष्कार
अलवर (स्वतंत्र प्रयाग): राजस्थान में अलवर के राजकीय गीतानंद शिशु चिकित्सालय में एफबीएनसी वार्ड में आग लगने से बच्ची की मौत के बाद दो चिकित्सकों सहित छह लोगों को निलंबित कर देने के मामले को लेकर चिकित्सकों एवं नर्सिंगकर्मियों ने आज दूसरे दिन भी दो घंटे का कार्य बहिष्कार किया।
इस मामले को लेकर आज पूरे जिले में कार्य बहिष्कार रहा। अलवर जिले में सभी सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों एवं नर्सिंग कर्मचारियों ने सुबह नौ बजे से पूर्वाह्न ग्यारह बजे तक दो घंटे कार्य बहिष्कार कर अपना विरोध जताया। डाक्टरों और नर्सिंगकर्मियों ने छह लोगों के निलम्बन आदेश की कॉपी जलाकर विरोध प्रकट किया और नारेबाजी कर प्रदर्शन किया। निलंबित कर्मचारियों की बहाली नहीं होने पर आंदोलन तेज करने की चेतावनी भी दी गई।
जिला मुख्यालय पर राजीव गांधी अस्पताल के आईएमए हाल में बैठक आयोजित कर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया जा रहा। अस्पताल में दो घंटे कार्य बहिष्कार के दौरान आपातकालीन सेवाएं चालू रही वहीं ओपीडी में दिखाने आए मरीजो को काफी परेशानी का सामना करना पडा।
राजकीय सेवारत डॉक्टर संघ एवं राजस्थान नर्सिंग एसोसिएशन की बैठक में निलंबित किये गए चिकित्सक और नर्सिंगकर्मियों को सरकार से बहाल करने की मांग की गई। सेवारत चिकित्सक संघ अध्यक्ष मोहन लाल सिंधी ने बताया कि इस मांग को लेकर जिले में दो घंटे का कार्य बहिष्कार किया जा रहा है। जिसमे सभी सरकारी अस्पतालों के चिकित्सक और नर्सिंगकर्मी शामिल है।
दो घंटे कार्य बहिष्कार के बाद डॉक्टर काली पट्टी बांधकर अस्पताल में अपना विरोध जता रहे है।उन्होंने कहा कि निलंबित लोगों को बहाल करना चाहिए। इस मांग को लेकर दो घंटे का कार्य बहिष्कार लगातार जारी रहेगा और जरूरत पड़ी तो प्रदेश में भी इसके खिलाफ आंदोलन किया जाएगा।
राजस्थान नर्सेज एसोसियशन जिला अध्यक्ष पुष्पराज शर्मा ने बताया राज्य सरकार ने गलत तरीके से कर्मचारियों को निलंबित कर दिया जबकि नर्सिंग कर्मचारियों ने आग लगने पर चौदह बच्चों की जान बचाई। उसके लिए सरकार को इनाम देना चाहिए। निलंबन का नर्सेज एसोसिएशन ने भी डॉक्टरों के साथ विरोध किया है।
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