71 वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति का राष्ट्र के नाम संदेश, देश के युवाओं को गांधीजी के विचार धारा पर चलना चाहिए



नई दिल्ली (स्वतंत्र प्रयाग) राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने लोकतंत्र के लिए सतर्कता और विपक्ष दोनों को महत्त्वपूर्ण बताते हुये लोगों - विशेषकर युवाओं - को राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी के अहिंसा के मंत्र को सदैव याद रखने की सलाह दी। कोविन्द ने 71 वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर शनिवार को राष्ट्र के नाम संदेश में कहा कि किसी उद्देश्य के लिए संघर्ष करने वाले लोगों, विशेष रूप से युवाओं, को महात्मा गांधी के अहिंसा के मंत्र को सदैव याद रखना चाहिये जो मानवता को उनका अमूल्य उपहार है।


कोई भी कार्य उचित है या अनुचित यह तय करने के लिए गाँधीजी की मानव कल्याण की कसौटी लोकतंत्र पर भी लागू होती है।उन्होंने कहा कि राष्ट्र निर्माण के लिए गांधीजी के विचार आज भी पूरी तरह से प्रासंगिक हैं। गांधीजी के सत्य और अहिंसा के संदेंश पर चिंतन-मनन करना हमारी दिनचर्या का हिस्सा होना चाहिये।


उन्होंने कहा, “संविधान ने नागरिकों को कुछ अधिकार प्रदान किये हैं, लेकिन इसके तहत हम सबने यह जिम्मेदारी ली है कि हम न्याय, स्वतंत्रता, समानता तथा भाईचारे के मूल लोकतांत्रिक आदर्शों के प्रति सदैव प्रतिबद्ध रहें। राष्ट्र के निरंतर विकास और भाईचारे के लिए यही सबसे उत्तम मार्ग है।”


कोविंद ने लोकतंत्र में सत्ता पक्ष एवं विपक्ष दोनों को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि राजनैतिक विचारों की अभिव्यक्ति के साथ-साथ देश के समग्र विकास और लोगों के कल्याण के लिए दोनों को मिलजुल कर आगे बढ़ना चाहिये। उन्होंने कहा कि हम इक्कीसवीं सदी के तीसरे दशक में प्रवेश कर चुके हैं, जो नये भारत के निर्माण और नयी पीढ़ी के उदय का दशक होने जा रहा है।


समय बीतने के साथ देश के स्वाधीनता सेनानी धीरे-धीरे बिछुड़ते जा रहे हैं, लेकिन स्वाधीनता संग्राम की आस्थायें निरंतर विद्यमान रहेंगी। प्रौद्योगिकी में हुई प्रगति के कारण युवाओं को व्यापक जानकारी है और उनमें आत्मविश्वास भी अधिक है। इन युवाओं में एक उभरते हुए नये भारत की झलक दिखती है।


राष्ट्रपति ने विकास योजनाओं की चर्चा करते हुए कहा कि स्वच्छ भारत अभियान में बहुत ही कम समय में प्रभावशाली सफलता हासिल हुई है। प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना की उपलब्धियां गर्व करने योग्य है, जिसमें आठ करोड़ लाभार्थी शामिल हो चुके हैं। सौभाग्य योजना से लोगों के जीवन में नयी रोशनी आयी है और प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के माध्यम से लगभग 14 करोड़ किसान प्रतिवर्ष छह हजार रुपये की आय प्राप्त करने के हकदार बने हैं।


उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि जल जीवन मिशन भी स्वच्छ भारत अभियान की तरह एक जन-आंदोलन बनेगा।कोविंद ने देश की कर प्रणाली की चर्चा करते हुए कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू होने से एक देश एक कर एक बाजार की अवधारणा को साकार रूप मिला है। इसके साथ ही ई-नाम योजना से एक राष्ट्र के लिए एक बाजार बनाने की प्रक्रिया मजबूत हुई है।


उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत योजना दुनिया की सबसे बड़ी जनस्वास्थ्य योजना बन गयी है। जनसाधारण के लिए स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता और गुणवत्ता दोनों में सुधार हुआ है। उन्होंने शिक्षा की चर्चा करते हुए कहा कि इस क्षेत्र की कई उपलब्धियां उल्लेखनीय है।


देश का कोई बच्चा अथवा युवा शिक्षा की सुविधा से वंचित न रहे, यह प्रयास किया जा रहा है। शिक्षा व्यवस्था को विश्वस्तरीय बनाने के लिए निरंतर प्रयास करते रहना होगा। राष्ट्रपति ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की उपलब्धियों की चर्चा करते हुए कहा कि देशवासियों को इस पर गर्व है। इसरो की टीम अपने मिशन गगनयान को आगे बढ़ा रही है। देशवासी इस वर्ष भारतीय मानव अंतरिक्ष कार्यक्रम के तेज गति से बढ़ने की प्रतीक्षा कर रहे हैं।


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