जनरल बिपिन रावत ने CDS का पद संभालने से पहले बोले- हर कसौटी पर खरी उतरी है सेना

 


नई दिल्ली (स्वतंत्र प्रयाग) : भारतीय सेना के लिए आज ऐतिहासिक दिन है। आज जनरल बिपिन रावत सेना प्रमुख के पद से रिटायर हो रहे हैं। इस दौरान उनके सम्मान में वॉर मैमोरियल पर उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। जनरल रावत बुधवार से देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ का पद संभालने जा रहे हैं। उन्होंने देशवासियों को नए साल की शुभकामनाएं दी साथ ही सेने के सभी जवानों को भी धन्यवाद कहा।


उन्होंने कहा कि मेरे कार्यकाल के दौरान सभी का भरपूर सहयोग मिला। इसके लिए वीर नारी, भूतपूर्व सैनिक और सैन्य परिवारों का धन्यवाद। सभी को नए साल की शुभकामनाएं। जनरल बिपिन रावत ने कहा कि विषम परिस्थितियों में मोर्चों पर तैनात सेना संकट की घड़ी में हर कसौटी पर खरी उतरी है।चीनी, पाक सीमाओं पर चुनौतियों से मुकाबले के लिए बेहतर तैयार है।


बता दें कि जनरल बिपिन रावत देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ का पद संभालेंगे वहीं लेफ्टिनेंट जनरल मनोज मुकुंद नरवाणे भारतीय थलसेना के 28वें प्रमुख का कार्यभार ग्रहण करेंगे। जनरल बिपिन रावत और लेफ्टिनेंट जनरल मनोज मुकुंद नरवाणे ने राष्ट्रीय युद्ध स्मारकर पहुंचकर शहीदों को श्रद्धांजलि दी। जनरल रावत एक जनवरी, 2020 को सीडीएस का पदभार ग्रहण करेंगे।


विदाई के अवसर पर सीडीएस जनरल बिपिन रावत ने कहा, 'आज मैं चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ के पद से सेनानिवृत्त हो रहा हूं। मैं भारतीय सेना के उन सैनिकों, रैंक और फाइल के प्रति अपना आभार व्यक्त करना चाहता हूं जो चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में अडिग रहे। मैं जनरल मनोज नरवाणे को अपनी उनके सफल कार्यकाल के लिए शुभकामनाएं देना चाहता हूं जो आज 28वें सेना प्रमुख के रूप में अपना पदभार ग्रहण करेंगे।


उम्मीद है कि नये सेना प्रमुख के नेतृत्व में सेना नयी ऊंचाइयों को छुएगी।'बिपिन रावत ने सीडीएस पद पर अपनी नियुक्ति पर कहा कि यह सिर्फ एक ओहदा भर है। उन्होंने कहा, 'कोई भी पद सिर्फ एक व्यक्ति के प्रयास से सफल नहीं हो सकता। जनरल रावत अगर आर्मी चीफ बनता है तो उसे सभी विभागों से पूरा सहयोग मिला। सबको मिलकर काम करना होगा तभी सफल होंगे।


 सीडीएस एक 'चार सितारा' जनरल की हैसियत से आर्मी, नेवी और वायु सेना के साझा मुखिया होगा। हालांकि तीनों अंगों के अलग प्रमुख होंगे और उनका दर्जा भी चार सितारा ही होगा। सीडीएस के रूप में जनरल रावत सरकार के सैन्य सलाहकार होंगे और उसे महत्वपूर्ण रक्षा और रणनीतिक सलाह देंगे। तीनों सेनाओं के लिए दीर्घकालीन रक्षा योजनाओं, रक्षा खरीद, प्रशिक्षण और परिवहन के लिए प्रभावी समन्वयक का कार्य करेंगे।


खतरों और भविष्य में युद्ध की आशंकाओं के मद्देनजर तीनों सेनाओं में आपसी सामंजस्य और मजबूत नेटवर्क बनाने का जिम्मा सीडीएस के कंधों पर होगा। सेनाओं के संसाधनों के बेहतर उपयोग के लिए योजना बनाएंगे। साथ ही सेवा से जुड़ी अहम प्रक्रियाओं को आसान और व्यवस्थित बनाने में भूमिका निभाएंगे। सीडीएस के रूप में जनरल रावत के सामने तीनों सेनाओं की साझी सोच विकसित करने की चुनौती होगी।


लेफ्टिनेंट जनरल मनोज मुकुंद नरवाणे लेंगे जनरल बिपिन रावत की जगह लेफ्टिनेंट जनरल मनोज मुकुंद नरवाणे जनरल बिपिन रावत की जगह लेंगे जिनका प्रमुख के रूप में कार्यकाल मंगलवार को समाप्त होगा। लेफ्टिनेंट जनरल नरवाणे वर्तमान में सेना के उप प्रमुख हैं। नरवाणे 31 दिसंबर को 13 लाख की क्षमता वाली भारतीय थलसेना के सेनाध्यक्ष के रूप में कमान संभालेंगे। 



मनोज मुकुंद नरवाणे की नियुक्ति के साथ ही तीनों सेनाओं के प्रमुख एनडीए के बैचमेट हो जाएंगे। मनोज मुकुंद नरवाणे, एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया और नौसेना अध्यक्ष करमबीर सिंह ने 1976 में नेशनल डिफेंस एकेडमी (एनडीए) से  56वां कोर्स एक साथ किया था।


भारतीय सेना के इतिहास में यह दूसरी बार है, जब तीनों सेनाओं के प्रमुख एनडीए के एक ही बैच के कैडेट होंगे।इससे पहले 1991 में तत्कालीन थलसेना प्रमुख सुनीत फ्रांसिस रोडरिग्ज, नौसेना प्रमुख एडमिरल लक्ष्मी नारायण रामदास और एयर चीफ मार्शल निर्मल चंद्र सूरी ने तीनों सेनाओं का नेतृत्व किया था। जिन्होंने एनडीए का कोर्स एक साथ किया था।


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